Wednesday, 30 November 2011

Bete naal karvondi si Galt Kam...


'वो अपने बेटे संग मुझे जबरन सुलाती थी, कराती थी गलत काम'!


अम्बाला सिटी.असम की मासूम प्रतिमा (काल्पनिक नाम) की किडनैपिंग के बाद दुष्कर्म के मामले में फंसी एक महिला सहित तीन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार सुनाया है जबकि इसी मामले में फंसी दो अन्य महिलाओं को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। कोर्ट ने आरोपियों की सजा के लिए आज का दिन मुकर्रर किया है।
 सिटी सदर पुलिस ने सात अक्टूबर 2010 को असम की नाबालिग प्रतिमा की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ किडनैपिंग, गलत धंधे में धकेलना, नशा देना व दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया था। प्रतिमा ने बताया कि करीब दो साल पहले वह अपने घर के नजदीक रेलवे स्टेशन के पास खेल रही थी। तब उसे रोजीना बेगम उर्फ रोजी व उसका बेटा मोहित रमन उर्फ राज जबरदस्ती पकड़कर ट्रेन से दिल्ली ले आए थे जहां ये दोनों किराए के मकान में रहते थे। उस समय रोजी जबरदस्ती अपने बेटे राज को उसके साथ सुलाती थी।
 तब राज ने कई बार उसके साथ गलत काम किया। बाद में वह उसे नशा देकर गलत काम करने लगा। करीब सात-आठ दिन बाद यह दोनों उसे दिल्ली में पूनम और उसके बेटे राजू तथा उसकी पत्नी मुस्कान के पास छोड़ दिया। फिर राजू उसके साथ गलत काम करने लगा।
 बाद में यह लोग उसे अम्बाला सेक्टर दस स्थित मीना के मकान पर छोड़कर चले गए जहां से दो लड़के उसे कैंट के एक होटल में ले गए जहां उसे जबरन शराब पिलाई गई और उसके साथ गलत काम किया। अगली सुबह दोनों उसे होटल पर छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह वह मीना के घर पहुंची।
 उसके शोर मचाने पर वहां से गुजर रही एक महिला ने उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने 25 अक्टूबर 2010 को दिल्ली की पूनम, राजू और राजू की पत्नी मुस्कान को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर 27 अक्टूबर 2010 को मोहित रमन उर्फ राज और रोजीना बेगम उर्फ रोजी को हिरासत में लिया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए मोहित रमन उर्फ राज, रोजीना बेगम और राजू को दोषी करार सुनाया है जबकि पूनम और मुस्कान को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
 इसलिए हुई दोनों महिलाएं बरी: मामले में पूनम और मुस्कान की तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे एडवोकेट सुनील आनंद और शैलेंद्र शैली ने बताया कि इन दोनों महिलाओं पर नाबालिग को गलत धंधे में धकेलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

छोटी सी उम्र में गर्भवती हो गई थी प्रतिमा
 मासूम प्रतिमा पर एक के बाद एक आरोपियों ने इतने जुल्म ढहाए कि छोटी सी उम्र में वह गर्भवती हो गई थी। यही कारण था कि पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्म की साजिश और जुर्म करने वाले आरोपियों को एक के बाद एक गिरफ्तार किया था। इधर, प्रतिमा के बयान रिकार्ड होने के बाद उसे रोहतक ऑब्जरवेशन होम में भेज दिया था। हालांकि मेडिकल चेकअप के बाद प्रतिमा का बच्चा किसी कारण गिर गया था।

तेजो ने की थी प्रतिमा की मदद
 उस रोज प्रतिमा सेक्टर दस स्थित मीना के मकान में थी। जब प्रतिमा रो रही थी जिसकी आवाज सुनकर वहां से गुजर रही तेजो मकान में दाखिल हुई और उसने प्रतिमा को सिटी सिविल अस्पताल में दाखिल कराया। प्रतिमा पर हुए अत्याचार की कहानी सुनकर तेजो ने पुलिस को बताया था।

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