Sunday, 11 December 2011

Pyar me li child hi hatya


प्यार और दुलार को कलंकित कर, मां ने ही घोंटा था लाडले का गला

रोहतक. बहादुरगढ़ . एक मां के लिए उसका बेटा ही सब कुछ होता है। समय आए तो पुत्र की रक्षा के लिए मां किसी की जान भी ले सकती है, लेकिन आसौदा टोडराण में एक कलयुगी मां ने अपने ही आठ वर्षीय पुत्र को गला घोंटकर मार डाला।


इस समूचे मामले का प्रारंभिक तौर पर खुलासा होने के बाद आसौदा गांव के लोग हैरान हैं। बुधवार को हर घर में इस कलयुगी मां की चर्चा हुई। पीड़ित परिजन अपने लाडले को खोने के बाद गमगीन हैं।

बता दें कि चार दिसंबर को आसौदा टोडराण निवासी परमिंदर उर्फ उजाला पुत्र सतवीर सिंह के आठ वर्षीय बेटे हर्ष का शव घर की छत पर पड़ा मिला था। सबसे पहले यह सूचना उसकी मां मीना ने परिजनों को बताई।

मीना ने बताया कि वह हर्ष को घर पर खेलता छोड़कर पशुओं को चारा डालने गई थी। कुछ समय बाद आई और हर्ष को खोजा तो उसका शव छत पर बने कमरे में था। उसके गले पर निशान थे। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जब जांच हुई तो शक की सुई मां मीना द्वारा बार-बार बदले जा रहे बयानों पर उलझी। आखिरकार मीना ने खुलासा कर दिया कि घरेलू कलह के चलते उसने हर्ष को मौत की नींद सुला दिया।

पुत्र की हत्या का यह कारण बताया मीना ने

अपने मासूम पुत्र की हत्या का कारण भी मीना ने परिजनों के समक्ष बता दिया है। मीना ने खुलासा किया है कि उसका पति परमिंदर उसे काफी समय से परेशान करता आ रहा था। शराब पीकर गली-गलौज करना और मारपीट की नौबत आती थी।

इसी से खिन्न होकर उसने यह कदम उठाया,ताकि एकमात्र पुत्र के बाद पति का वंश ही आगे न चले। अब दबे मुंह परिजनों ने भी इस बात को माना है कि मीना और उसके पति में घरेलू कलह हुआ करती थी। हालांकि इससे पूर्व परिजन घर के बाहर किसी प्रकार की रंजिश नहीं होना बता रहे थे। सूत्रों ने बताया कि इस घरेलू कलह के अलावा कई और कारणों का खुलासा भी हो सकता है।

पुत्र के बाद करना चाहती थी आत्महत्या

अब तक मिली जानकारी में यह भी बात सामने आई है कि मीना हर्ष को मारने के बाद स्वयं भी आत्महत्या करना चाहती थी। उसने तैश में आकर घर के चौबारे में हर्ष को तो मार दिया, लेकिन स्वयं आत्महत्या करने के लिए उसके पैर ठिठक गए और हिम्मत नहीं जुटा सकी। हर्ष का शव छत पर छोड़कर वह घर से बाहर चली गई फिर हर्ष की खोजबीन कर उसका शव पड़े होने की जानकारी परिजनों को दी। हालांकि मीना स्वयं भी आत्महत्या करना चाहती थी इसकी सच्चाई भी आगे सामने आएगी।

मां की आंख से नहीं गिरा एक भी आंसू

अपने लाडले को अगर एक खरोंच भी आ जाए तो मां की आंखों से अश्रुधारा फूट पड़ती है। ऐसे में हर्ष हत्याकांड पर मीना की आंख से किसी ने एक भी आंसू गिरता नहीं देखा। वह गमगीन तो दिखी, लेकिन आंखों में आंसू न देख परिजनों के अलावा पड़ोसी भी हैरान रहे। बुधवार को जब खुलासा हुआ कि मीना ने अपने कलेजे के टुकड़े की जान ली है,तब भी उसके चेहरे पर इसको लेकर कोई शिकन नहीं थी। परिजनों में भी मीना के लिए किसी प्रकार की कोई दिलासा व दया के भाव नहीं है।

जटवाड़ा में ताई ने की थी मासूम की हत्या

इसी साल जटवाड़ा में भी ममता,प्यार और दुलार को कलंकित कर देने वाली घटना हुई। एक सगी ताई ने अपने ही देवर के चार वर्षीय पुत्र को महज इसलिए गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया क्योंकि बड़ों में लड़ाई के बाद बोलचाल बंद होने के बाद भी मासूम अपनी ताई के घर आता था। घटनाक्रम के अनुसार जटवाड़ा पांच विस्बा निवासी धर्मपाल का पुत्र 14 मई को अपनी ताई सुमन के घर गया था।

इसके बाद उसका शव ही देर शाम पास की चौपाल में मिला। तीन दिन तक उलझे रहे इस मामले का खुलासा पुलिस ने किलोई की मूल निवासी मासूम की ताई को पकड़कर किया था। सुमन ने पुलिस को कारण बताया कि उसका अपने देवर धर्मपाल से संपत्ति का विवाद चल रहा था,लेकिन देवर का लड़का घर खेलने आता था।

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