Monday, 14 November 2011

खुशहाल परिवार के काबिल मुखिया थे प्रभाकर


 
जालंधर. जालंधर-अमृतसर हाईवे पर विधिपुर फाटक के पास हुए हादसे ने न सिर्फ एक काबिल अधिकारी की जान ले ली, बल्कि एक भरे-पूरे परिवार का मुखिया भी छीन लिया।

इंदिरा पार्क कालोनी के एएस प्रभाकर रविवार सुबह अपनी ओप्टरा कार पीबी08बीडी 0585 से ब्यास दरिया में पूजा सामग्री प्रवाहित करने गए थे। कार भाड़े पर लिया गया ड्राइवर बलदेव सिंह चला रहा था। लौटते वक्त ड्राइवर ने स्पीड 100 किमी. प्रति घंटे से ज्यादा कर रखी थी।

11 बजे विधिपुर फाटक के पास कार अनियंत्रित हो गई और एक सैंट्रो कार को साइड मार दी। इसके बाद एक मोटरसाइकिल और साइकिल सवार को टक्कर मार दी। फिर कार ने अमृतसर से आ रही इनोवा गाड़ी व बस को टक्कर मारी। लगातार टक्कर के दौरान ओप्टरा कार पलटी खाई और फिर सीधी भी हो गई। राहगीरों ने ओप्टरा से ड्राइवर को निकाला। एयर बैग खुल जाने के कारण उसे खरोंच तक नहीं आई थी, लेकिन पीछे बैठे प्रभाकर का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया था। उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ओप्टरा कार ने जिस इनोवा को टक्कर मारी उसका पिछला टायर निकल गया।

इनोवा में होशियारपुर के एडीसी विनय बुबलानी की पत्नी और बच्चे थे। बुबलानी का परिवार हादसे में बाल-बाल बच गया। साइकिल पर जा रहे गांव विधिपुर के काबल सिंह (60) को गंभीर चोटें आईं। उनकी हालत नाजुक है। करतारपुर स्थित एक धार्मिक स्थल पर माथा टेकने के बाद मोटरसाइकिल से घर लौट रहे राज नगर के अमनदीप शारदा (19), उनकी मां नीलम और बहन देवांशी (7) को भी चोटें आई हैं।

ड्राइवर नशे में था और स्पीड थी 100

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने ड्राइवर को बाहर निकाला तो वह बहकी-बहकी बातें कर रहा था। लोगों को लगा इसने नशा कर रखा है, इसलिए उसकी पिटाई शुरू कर दी गई। हालांकि ड्राइवर यह कहता रहा कि उसने कोई नशा नहीं किया है। बलदेव सिंह कपूरथला चौक के पास टैक्सी स्टैंड में काम करता है। वह पहली बार प्रभाकर के साथ गया था।

प्रत्यक्षदर्शी बाबा बुड्ढा बस सर्विस के चालक कंवलप्रीत सिंह ने बताया कि सामने से आ रही कार अनियंत्रित थी। स्पीड 100 से कम नहीं रही होगी। एक के बाद एक वाहनों को टक्कर मार रही थी। उन्होंने बस साइड कर ली, बावजूद कार आकर भिड़ गई। बस में सवार लोग सुरक्षित रहे। ओप्टरा के ड्राइवर बलदेव सिंह को गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।

कौन थे प्रभाकर 

मालपुर बारियां (होशियारपुर) के मूल निवासी अमृत सागर प्रभाकर 3 अप्रैल 1995 को पीसीएस अधिकारी बने। नायब तहसीलदार के तौर पर नौकरी शुरू की और जालंधर में बतौर एसडीएम तैनात रहे। इसी साल 31 मई को स्थानीय निकाय विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए थे। अगस्त में दोबारा ठेके पर नौकरी में आए। इंदिरा पार्क कालोनी में इनकी रिहायश है।

चाहते थे बेटी बने आईएएस

एएस प्रभाकर खुद पीसीएस थे, पर बड़ी बेटी को अपने से ऊंचे ओहदे पर देखना चाहते थे। चाहते थे कि हमेशा अव्वल आने वाली ज्योतिका आगे चलकर आईएएस बने। बेटी भी पिता के सपने को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। लॉ की छात्रा और एपीजे कालेज ऑफ फाइन आर्ट्स में कॉमर्स पढ़ाने वाली ज्योतिका दो बार यूनिवर्सिटी टॉपर रही है।

प्रभाकर का इकलौता बेटा मन्नू खाद्य आपूर्ति विभाग में इंस्पेक्टर है, मगर इन दिनों अध्ययनावकाश पर है। मन्नू पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं और साथ में लॉॅ भी। एक प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए रविवार को वह दिल्ली में थे। मन्नू की छोटी बहन शगुन भी स्नातक की पढ़ाई कर रही है। प्रभाकर की पत्नी आशा कुशल गृहिणी हैं।

..तो इनके परिवार भी उजड़ जाते

विधिपुर फाटक के पास हुए हादसे में घायल नीलम, दिवांशी, अमनदीप व काबुल। सभी घायल मकसूदां स्थित सेक्रेड हार्ट अस्पताल में भर्ती हैं। नीलम और काबल की हालत नाजुक बताई जा रही है।

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