बहन का टिकट छीन सकता है भाई
जालंधर छावनी. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय निकट आता जा रहा है, वैसे-वैसे उम्मीदवारों के नाम की भी अटकलें तेज होती जा रही हैं। कैंट हलके से जहां कांग्रेस पार्टी में पुराने नेताओं के नाम टिकट की दावेदारी की कतार में लगे हुए हैं। अब नया नाम तेज प्रकाश सिंह का सामने आया है।
कैंट हलके में तेज प्रकाश सिंह का नाम कैंटवासियों के लिए कोई नया नहीं है। शहीद बेअंत सिंह के पुत्र तेज प्रकाश सिंह कैट हलके से वर्ष 1997 में हुए विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद कैंट हलके में उन्होंने अपनी एक अच्छी खासी पहचान बना ली थी। तेज प्रकाश सिंह पहले उनकी बहन गुरकंवल कौर, तेजिंद्र सिंह बिट्टू, शिव कंवर सिंह संधू, कंवलजीत सिंह लाली का नाम सीट की दावेदारी के लिए मुख्य रूप से चर्चा में बना हुआ है।
यह भी माना जा रहा है कि कैंट से गुरकंवल कौर का टिकट कटाना टेढ़ी खीर होगी। वर्ष 2002 में गुरकंवल कौर ने अपने निकटतम उम्मीदवार परमजीत ंिसह रायपुर को 10853 मतों से पराजित किया था। वर्ष 2007 में गुरकंवल कौर को अकाली उम्मीदवार जगबीर सिंह बराड़ ने 16984 मतों से पराजित कर कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले कैंट हलके से विजय प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा था।
अकाली दल में भी एक अनार सौ बीमार जैसा हाल बना हुआ है। जहां लम्बे समय से कैंट में गुरचरण सिंह चन्नी, बलजीत सिंह नीलामहल, परमजीत सिंह रायपुर तथा इकबाल सिंह ढींढसा का नाम टिकट दावेदारों में मुख्य बना हुआ था। जरनैल सिंह वाहद का नाम चर्चा में आने से एक नया मोड़ आ गया है।
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