'आंटी जी मैनू इक वार छड्ड दो, अग्गे तो कदी वी एक्टिवा लैके नहीं आउंगा'
जालंधर. आंटी सॉरी। आज से बाइक लेकर नहीं आउंगा। मेरा ऑटो वाला अंकल नहीं आया था, इसलिए एक्टिवा लेकर आया हूं। एक बार छोड़ दो आंटी। बुधवार को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी के बाद जैसे ही बच्चे वाहन लेकर बाहर निकले, ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
कागज चेक किए, लाइसेंस मांगा और नहीं होने की सूरत में चालान काट दिया। इस दौरान बच्चों ने बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाए। पुलिस ने यह अभियान अंडरएज वाहन चालकों के खिलाफ चलाया था। इस क्रम में कुल 14 बच्चों के चालान काटे गए।
सेंट जोसेफ स्कूल के बाहर इंस्पेक्टर बलविंदर कौर मुल्तानी ने नाका लगाया था। जैसे-जैसे बच्चे वाहन लेकर बाहर आते जा रहे थे, वैसे-वैसे उनके चालान कटते गए। स्कूल के बाहर एक 14 वर्षीय बच्चे को रोका गया। न तो उसके पास लाइसेंस था और न ही आरसी। उसने मैडम को कहा कि आंटी उसका ऑटो वाला नहीं आया था, जिस कारण एक्टिवा ले आया। एक और बच्चे को रोका गया। वह बोला आंटी जी मैनू इक वार छड्ड दो। अग्गे तो कदी वी एक्टिवा लैके नहीं आउंगा। इसके अलावा सेवन-डे स्कूल व एपीजे के बाहर भी बच्चों के चालान काटे गए।
स्यापा ही पा लेया नाका ला के
सेंट जोसेफ स्कूल के बाहर पुलिस एक बच्चे को रोकती, तभी सैकड़ों बच्चे घेरा डालकर खड़े हो जाते। पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए कई बार डांटा भी, लेकिन बच्चे सुनते ही नहीं थे। थक हारकर एक मुलाजिम बोला यार स्यापा ही पा लेया ऐत्थे नाका ला के। बच्चेयां दा ऐस उमर च ऐह हाल है, तां वड्डे होके की करणगे।
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